गरीब मरीजों से मजाक: इंदौर के निजी अस्पताल करेंगे एक महीने में एक गरीब मरीज का मुफ्त इलाज
सेहतराग टीम
एक ओर जहां दिल्ली कि निजी अस्पतालों में एक महीने में 25 फीसदी बेड गरीब मरीजों के लिए आरक्षित करने का कानूनी रूप से बाध्य नियम बनाया गया है वहीं मध्य प्रदेश सरकार इस मामले में शायद मजाक करने में जुटी है। मध्य प्रदेश सरकार निजी अस्पतालों के साथ गठजोड़ करके इन अस्पतालों में गरीब मरीजों के मुफ्त इलाज करवाना चाहती है मगर खास बात यह है कि ये यहां हर निजी अस्पताल एक महीने में एक गरीब मरीज का मुफ्त इलाज करने के लिए तैयार हुआ है।
इंदौर शहर के 170 निजी अस्पताल इस योजना में शामिल हो रहे हैं यानी महीने में महज 170 मरीजों को मुफ्त इलाज मिल पाएगा। इंदौर मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शहरों में से एक है जहां रोजाना हजारों गरीब मरीज अस्पतालों में पहुंचते हैं। उनमें से बेहद भाग्यशाली 170 मरीज ही एक महीने में इस योजना के तहत लाभान्वित होंगे।
हालांकि मध्य प्रदेश सरकार इसे बहुत ही अच्छी पहल करार दे रही है। बुधवार को इस योजना की शुरुआत की गई है और इसे आह्वान नाम दिया गया है। आह्वान का पूरा नाम ‘एक्शन टू असिस्ट एंड वालंटियर थ्रू ऐड, हेल्प एंड अडॉप्ट’ है। राज्य के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने इस योजना का शुभारंभ किया।
इस योजना के आरंभ के मौके पर सिलावट ने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य के सबसे बड़े शहर इंदौर से इस प्रायोगिक योजना की शुरुआत की है। यदि यह योजना सफल होती है, तो पूरे प्रदेश में इसे लागू किया जाएगा।
जिलाधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि इस योजना के लिए विशेष सॉफ्टवेयर तैयार कराया गया है जिसके जरिये सुनिश्चित होगा कि मरीजों को अस्पताल आवंटन के मामले में सरकारी तंत्र का कोई दखल नहीं रहे। इस सॉफ्टवेयर के जरिये अपने आप तय होगा कि किस मरीज को किस अस्पताल में इलाज के लिए भेजा जाए।
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